महत्वपूर्ण तथ्य
- हिमाचल प्रदेश में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया पुनः शुरू की गई है।
- सभी जिलों से पुनर्गठन से जुड़े प्रस्ताव 15 दिन के भीतर भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
- पिछले वर्ष भी पंचायतों से पुनर्गठन प्रस्ताव मांगे गए थे।
- जुलाई से सितंबर 2025 में आई प्राकृतिक आपदा के कारण कई प्रस्ताव लंबित रह गए।
- (State Election Commission) ने पंचायती राज एवं शहरी निकाय चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
- चुनाव दिसंबर 2025 या जनवरी 2026 में प्रस्तावित हैं।
- चुनावों के लिए सहायक रिटर्निंग अधिकारी, पोलिंग अधिकारी, मतगणना केंद्र आदि की व्यवस्थाओं के निर्देश।
- सरकार का उद्देश्य आगामी चुनावों से पहले संस्थागत ढांचे को सुव्यवस्थित करना है।
हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज (Panchayati Raj) व्यवस्था से जुड़ी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया दोबारा शुरू हो गई है। राज्य सरकार की ओर से ग्राम पंचायत स्तर पर पुनर्गठन को लेकर सभी जिलों को निर्देश भेजे गए हैं। इसके तहत प्रत्येक जिला प्रशासन को अपने क्षेत्र से संबंधित प्रस्तावों की समीक्षा करने और उन्हें 15 दिन के भीतर विभाग तक पहुंचाने के लिए कहा गया है। उद्देश्य यह है कि आगामी कार्रवाई राज्य स्तर पर समयबद्ध तरीके से पूरी हो सके।
पिछले वर्ष भी मांगे गए थे प्रस्ताव
पिछले वर्ष पंचायत स्तर पर सीमांकन और गठन से जुड़े कई प्रस्ताव विभिन्न पंचायतों द्वारा भेजे गए थे। इन प्रस्तावों की रिपोर्ट विभाग के माध्यम से सरकार तक भी पहुंची थी। हालांकि, इस बीच प्रदेश में जुलाई से सितंबर 2025 के दौरान आई प्राकृतिक आपदाओं और राहत कार्यों के चलते इन प्रस्तावों पर आगे विचार नहीं हो सका। अब विभाग ने इन सभी लंबित प्रस्तावों को फिर से परखने और आवश्यक निर्णय लेने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है।
चुनावी तैयारी भी समानांतर रूप से शुरू
दूसरी ओर, राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) ने पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के आम चुनावों की तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं। आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि चुनावी कार्य योजना पहले से व्यवस्थित की जाए।
चुनावों से जुड़ी मुख्य व्यवस्थाएं
- सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की नियुक्ति
- पोलिंग अधिकारियों की सूची तैयार करना
- मतदान केंद्रों की पुनः समीक्षा
- मतगणना स्थलों की पहचान
- नियंत्रण कक्ष और मीडिया प्रबंधन की व्यवस्था
- आवश्यक वाहनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना
चुनाव दिसंबर 2025 या जनवरी 2026 में हो सकते हैं। ऐसे में चुनावी तैयारी और पंचायत पुनर्गठन की प्रक्रिया समानांतर चल रही है। यह स्थिति आने वाले समय में प्रशासन और आयोग के बीच समन्वय की आवश्यकता को और बढ़ा देती है।
समय पर पुनर्गठन महत्वपूर्ण
राज्य सरकार चाहती है कि चुनाव से पहले प्रशासनिक संरचना स्पष्ट और सुदृढ़ हो जाए, जिससे ग्रामीण स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई बाधा न आए। हालांकि, यह भी स्पष्ट है कि यदि पुनर्गठन प्रक्रिया समय पर पूरी न हुई तो पंचायती राज चुनाव तय समय पर होना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
जिला प्रशासन को सभी लंबित मामलों को प्राथमिकता पर निपटाने को कहा गया है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक कार्य-कुशलता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।