पंचायत निर्वाचन उम्मीदवारों, शासकीय विभागों और कर्मचारियों के लिए आदर्श आचार संहिता
आदर्श आचार संहिता हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग
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पंचायत निर्वाचन के लिये आदर्श आचरण संहिता
भाग एक – उम्मीदवारों के लिये
1.सामान्य आचरण
- किसी भी दल या उम्मीदवार को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिये जिससे किसी धर्म, सम्प्रदाय या जाति के लोगों की भावना को ठेस पहुंचें या उनमें विद्वेष या तनाव पैदा हो।
- मत प्राप्त करने के लिये धार्मिक, साम्प्रदायिक या जातीय भावनाओं का सहारा नहीं लिया जाना चाहिये।
- पूजा के किसी स्थल जैसे कि मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघर आदि का उपयोग निर्वाचन प्रचार के लिये नहीं किया जाना चाहिये।
- किसी उम्मीदवार के व्यक्तिगत जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना नहीं की जानी चाहिये जिनका सम्बन्ध उसके सार्वजनिक जीवन या क्रियाकलापों से न हो और न ही ऐसे आरोप लगाये जाने चाहिये जिनकी सत्यता स्थापित न हुई हो।
- किसी राजनैतिक दल की आलोचना उसकी नीति और कार्यक्रम पूर्व इतिहास और कार्य तक ही सीमित रहनी चाहिये तथा दल और उसके कार्यकर्ताओं की आलोचना असत्यापित आरोपों पर आधारित नहीं की जानी चाहिये।
- प्रत्येक व्यक्ति के शान्तिपूर्ण घरेलू जीवन के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिये, चाहे उसके राजनैतिक विचार कैसें भी क्यों न हो। किसी व्यक्ति के कार्यो या विचारों का विरोध करने के लिये किसी दल या उम्मीदवार द्वारा ऐसे व्यक्ति के घर के सामने धरना देने, नारेबाजी करने या प्रदर्षन करने की कार्यवाही का कतई समर्थन नहीं किया जाना चाहिये।
- राजनैतिक दलों तथा उम्मीदवारों को ऐसे सभी कार्यो से परहेज करना चाहिये जो चुनाव कानून के अन्तर्गत अपराध हों जैसे कि
- ऐसा कोई पोस्टर, इश्तेहार , पैम्फलैट या परिपत्र निकालना जिसमें मुद्रक और प्रकाश का नाम और पता न हो,
- किसी उम्मीदवारों के निर्वाचन की सम्भावना पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के उद्वेष्य से, उसके व्यक्तिगत आचरण और चरित्र या उम्मीदवारी के सम्बन्ध में ऐसे कथन या समाचार का प्रकाश न कराना जो मिथ्या हो या जिसके सत्य होने का विश्वास न हो,
- किसी चुनाव सभा में गडबडी करना या बिघ्न डालना,
- मतदान के दिन तथा उसके एक दिन पूर्व सार्वजनिक सभा करना,
- मतदाताओं को रिश्वत या किसी प्रकार का पारितोषिक देना,
- मतदान केन्द्र के 100 मीटर के अन्दर किसी प्रकार का चुनाव प्रचार करना या मत संयाचना करना,
- मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक लाने या ले जाने के लिये वाहनों का उपयोग करना,
- मतदान केन्द्र में या आस पास विश्रृखल आचरण करना या मतदान केन्द्र के अधिकारियों के कार्य में बाधा डालना,
- मतदाताओ का प्रतिरूपण करना अर्थात् गलत नाम से मतदान का प्रयास करना ।
8. मतदान के एक/दो दिन पूर्व जैसा आयोग द्वारा निर्धारित किया गया हो-से लेकर मतदान के दिन तक किसी उम्मीदवार द्वारा न तो श राब खरीदी जाए और न ही उसे किसी को पेश या वितरित किया जाए। प्रत्येक उम्मीदवार द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को भी ऐसा करने से रोका जाना चाहिये।
9.किसी भी उम्मीदवार द्वारा किसी भी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते या दीवार का उपयोग झण्डा टांगने, पोस्टर चिपकाने, नारे लिखने आदि प्रचार कार्यो के लिये, उसकी अनुमति के बगैर, नहीं किया जाना चाहिये और अपने समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं को भी ऐसा नहीं करने देना चाहिये।
10.किसी भी दल या उम्मीदवार द्वारा या उसके पक्ष में लगाए गये झण्डे या पोस्टर दूसरे दल या उम्मीदवार के कार्यकर्ताओं द्वारा नहीं हटाये जाने चाहिये।
11.मतदाताओं को दी जाने वाली पहचान पर्चियां सादे कागज पर होनी चाहिये और उनमें उम्मीदवार का नाम या चुनाव चिन्ह नहीं होना चाहिये। पर्ची में मतदाता का नाम, उसके पति/पिता का नाम, वार्ड क्रमांक, मतदान केन्द्र क्रमांक तथा मतदाता सूचि में उसके क्रमांक के अलावा और कुछ नहीं लिखा होना चाहिये।
12. मतदान शान्तिपूर्वक तथा सुचारू रूप से सम्पन्न कराने में निर्वाचन डयूटी पर तैनात अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग किया जाना चाहिये।
सभाएं एवं जुलूस
किसी हाट, बाजार या भीड-भाड वाले सार्वजनिक स्थल पर चुनाव सभा के आयोजन के लिये सक्षम प्रााधिकारी से पूर्व अनुमति ली जानी चाहिये तथा स्थानीय पुलिस थाने में ऐसी सभा के आयोजन की पूर्व सूचना दी जानी चाहिये ताकि शान्ति और व्यवस्था बनाए रखने तथा यातायात को नियन्त्रित करने के लिये पुलिस आवश्यक प्रबन्ध कर सके।
प्रत्येक राजनैतिक दल या उम्मीदवार को किसी अन्य दल या उम्मीदवार द्वारा आयोजित सभा या जूलूस में किसी प्रकार की गडबडी करने या बाधा डालने से अपने कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों को रोकना चाहिये। यदि दो भिन्न-2 दलो या उम्मीदवारों द्वारा पास-2 स्थित स्थानों में सभाएं की जा रही हो तो ध्वनि विस्तारक यंत्रो के मुंह विपरीत दिशा ओं में रखे जाने चाहिये
किसी उम्मीदवार के समर्थन में आयोजित जूलूस ऐसे क्षेत्र या मार्ग से होकर नहीं निकाला जाना चाहिये जिसमें कोई प्रतिबन्धात्मक आदेश लागू हो। जुलूस के निकलने के स्थान, समय और मार्ग तथा समापन के स्थान के बारे में स्थानीय पुलिस थाने में कम से कम एक दिन पहले सूचना दी जानी चाहिये। इस बात का ध्यान रखा जाना
चाहिये कि जुलूस के कारण यातायात में कोई बाधा न हो। जुलूस में लोगों को ऐसी चीजें लेकर चलने से रोका जाना चाहिये जिनको लेकर चलने पर प्रतिबन्ध हो या जिनका उतेजना के क्षणों में दुरूपयोग किया जा सकता हो।
प्रत्येक उम्मीदवार या राजनैतिक दल को किसी अन्य उम्मीदवार या दल के नेताओं के पुतले लेकर चलने या उन्हें किसी सार्वजनिक स्थान से जलाए जाने तथा इसी प्रकार के अन्य प्रदर्षन या आयोजन करने से अपने कार्यकर्ताओं को रोकना चाहिये।
शासन और संस्थाओं के वाहनों आदि के चुनाव प्रचार में उपयोग पर प्रतिबन्ध
शासन सहित सार्वजनिक उपक्रमों/प्राधिकरणों, स्थानीय निकायों, सहकारी संस्थाओं, कृशि उपज मंडियों या शा सन से अनुदान अथवा अन्य सहायता प्राप्त करने वाली संस्थाओं के वाहनों, संसाधनों जैसे कि टेलीफोन, फैकस अथवा कर्मचारियों का उपयोग किसी राजनैतिक दल या उम्मीदवार के हित को आगे बढाने के लिये नहीं किया जाना चाहिए।
ऐसे वाहनों आदि को उनके नियन्त्रण अधिकारियों द्वारा निर्वाचन की घोशणा की तारीख से निर्वाचन समाप्त होने की तारीख तक, मंत्रिगण, संसद सदस्यों, विधान सभा सदस्यों, पंचायतों के पदाधिकारियों या उम्मीदवारों को उपलब्ध नहीं कराया जाना चाहिये।
भाग दो शासकीय विभागों एवं कर्मियों के लिये
निर्वाचन की घोषणा की तारीख से निर्वाचन समाप्त होने तक राज्य सरकार के किसी भी विभाग या उपक्रम द्वारा ऐसा कोई आदेश पारित न किया जाए, जिससे चुनाव के सम्यक संचालन में व्यवधान उपस्थित हो जैसे कि कर्मचारियों के स्थानान्तरण- या चुनाव की षुचिता और निश्प्क्षता प्रभावित हो जैसे कि किसी क्षेत्र या वर्ग के मतदाताओ को लाभन्वित करने की दृश्टि से कोई सुविधा या छूट देना या किसी नयी योजना स्कीम- या कार्य के लिये स्वीकृति जारी करना।
शासकीय कर्मचारियों को चुनाव में बिल्कुल निश्पक्ष रहना चाहिए, जनता को उनकी निश्पक्षता का विष्वास होना चाहिए तथा उन्हें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे ऐसी आषंका भी हो कि वे किसी दल या उम्मीदवार की मदद कर रहे हैं।
चुनाव के दौरे के समय यदि कोई मंत्री निजी मकान पर आयोजित किसी कार्यक्रम का आमंत्रण स्वीकार कर लें तो किसी शासकीय कर्मचारी को उसमें शा मिल नहीं होना चाहिए। यदि कोई निमन्त्रण पत्र प्राप्त हो तो उसे नम्रतापूर्वक अस्वीकार कर देना चाहिए।
किसी सार्वजनिक स्थान पर चुनाव सभा के आयोजन हेतू अनुमति देते समय विभिन्न उम्मीदवारों या राजनैतिक दलों के बीच कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। यदि एक ही दिन और समय पर, एक से अधिक उम्मीदवार या दल एक ही जगह पर सभा करना चाहते हैं तो उस उम्मीदवार या दल को अनुमति दी जानी चाहिये जिसने सबसे पहले आवेदन पत्र दिया है ।
विश्राम गृहो या अन्य स्थानों में शा सकीय आवास सुविधा का उपयोग सभी राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों को उन्हीं श र्तो पर करने दिया जाना चाहिए जिन श र्तो पर उनका उपयोग सताधारी दल को करने की अनुमति दी जाती है । परन्तु किसी भी दल या उम्मीदवार को ऐसे भवन या उसके परिसर का उपयोग चुनाव प्रचार के लिये करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिये।
साधारणतः चुनाव के समय जो भी आम सभा आयोजित की जाये उसे चुनाव सम्बन्धी सभा माना जाना चाहिए और उस पर कोई शा सकीय व्यय नहीं किया जाना चाहिये। ऐसी सभा में उन
कर्मचारियों को छोडकर जिन्हें ऐसी सभा या आयोजन में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने या सुरक्षा के लिये तैनात किया गया हो, अन्य कर्मचारियों को शा मिल नहीं होना चाहिये।
यदि कोई मंत्री चुनाव के दौरान जिले के किसी पंचायत क्षेत्र का भ्रमण करे जहां कि चुनाव होने वाले हो- तो ऐसा भ्रमण चुनावी दौरा माना जाना चाहिये और उसमें सुरक्षा के लिये तैनात कर्मचारियों को छोडकर अन्य किसी शासकीय कर्मचारी को साथ नहीं रहना चाहिये। ऐसे दौरे के लिये शासकीय वाहन या अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जानी चाहिये ।
निर्वाचन की घोशणा की तारीख से निर्वाचन समाप्त होने तक मंत्रिगण या संसद सदस्यों या विधान सभा सदस्यों द्वारा किसी पंचायत क्षेत्र में, जहां कि चुनाव होने वाले हो, स्वेच्छानुदान राशि, जनसर्म्पक निधि या क्षेत्र राशि में से कोई अनुदान स्वीकृत नहीं किया जाना चाहिये और न ही किसी सहायता या अनुदान का आश्वासन दिया जाना चाहिये। इस अवधि के दौरान किसी योजना का शिलान्यास या उद्घाटन भी नहीं किया जाना चाहिये।
चुनाव के दौरान समाचार-पत्रों तथा प्रचार के अन्य माध्यमों से, सरकारी खर्चे पर ऐसे विज्ञापन जारी नहीं किये जाने चाहिए जिनमें सताधारी दल की उपलब्धियों को प्रचारित या रेखांकित किया गया हो या जिनसे सताधारी दल को अपने दलीय हितों को आगे बढाने में सहायता मिलती हो ।
भाग तीन त्रिस्तरीय पंचायतों के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिये
नोटः इस भाग में पंचायत से अभिप्राय, यथास्थिति, जिला परिषद्, पंचायत समिति तथा ग्राम पंचायत से है ।
पंचायत कर्मचारियों को चुनाव के दौरान अपना कार्य पूर्ण निष्पक्षता से करना चाहिये और ऐसा कोई आचरण और व्यवहार नहीं करना चाहिये जिससे ये आभास हो कि वे किसी दल या उम्मीदवार की मदद कर रहे हैं ।
निर्वाचन की घोषणा से निर्वाचन समाप्त होने तक
- पंचायत के अधीन कोई नियुक्ति या स्थानान्तरण नहीं किया जाना चाहिये
- पंचायत क्षेत्र में किसी भी नए भवन का निमार्ण या मौजूदा भवन में संवर्धन या परिवर्तन की अनुज्ञा नहीं दी जानी चाहिये
- पंचायत क्षेत्र में किसी प्रकार के व्यवसाय या वृति के लिए अनुज्ञप्ति नहीं दी जानी चाहिए
- पंचायत क्षेत्र में किसी नई योजना या कार्य के लिये स्वीकृति नहीं दी जानी चाहिये, वर्तमान सुविधाओं के विस्तार या उन्नय का कोई कार्य जैसे किसी सडक को चौडा करना या डामीकृत करना या उसमें खडंजे बिछाना, नालियों को पक्का करना, नल जल योजना का विस्तार करना, नए हैन्डपम्प लगाना, नई स्ट्रीट लाईट लगाना आदि स्वीकृत या प्रारम्भ नहीं किया जाना चाहिये।
- पहले से स्वीकृत किसी योजना का कार्य जिसमें निर्वाचन की घोषणा होने तक कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ हो, प्रारम्भ नहीं किया जाना चाहिये और किसी योजना का षिलान्यास या उद्घाटन नहीं किया जाना चाहिये
- किसी संगठन या संस्था को, किसी कार्यक्रम के आयोजन के लिये कोई सहायता या अनुदान स्वीकृत नहीं किया जाना चाहिये
- पंचायत के खर्च पर ऐसा कोई विज्ञापन या पैम्पलैट जारी नहीं किया जाना चाहिये जिसमें पंचायत की उपलब्धियों को प्रचारित या रेखांकित किया गया हो या जिससे किसी उम्मीदवार के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित करने में सहायता मिलती हो
- पंचायत के माध्यम से क्रियान्वित किये जाने वाले, परिवार या व्यक्तिमूलक आर्थिक एवं समाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों जैसे कि रोजगार/व्यवसाय के लिये सहायता, सिंचाई स्रोत या आवास के निमार्ण के लिये सहायता, निराश्रित पैंशन, वृद्धावस्था पैंशन आदि के अन्तर्गत नये हितग्राहियों का चयन नहीं किया जाना चाहिये।
किसी प्राकृतिक प्रकोप या दुर्घटना को छोडकर, जिसमें कि प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाना आवष्यक हो, निर्वाचन की घोशणा से लेकर निर्वाचन समाप्त होने तक की अवधि के दौरान पंचायत के किसी पदधारी जैसे कि अध्यक्ष/उपाध्यक्ष आदि- के क्षेत्रीय भ्रमण को चुनावी दौरा माना जाना चाहिये और ऐसे दौरे में पंचायत के किसी कर्मचारी को उनके साथ नहीं रहना चाहिये ।
राज्य निर्वाचन आयुक्त, हरियाणा।